बाल मनोभावों का संग्रह 'बाल वाटिका'

पुस्तक समीक्षा बाल मनोभावों का संग्रह 'बाल वाटिका'                     समीक्षक- सुधीर श्रीवास्तव   वरिष्ठ कवयित्री/सेवानिवृत्त शिक्षिका डा. पूर्णिमा पाण्डेय 'पूर्णा' का 'पूर्णिमांजलि' और 'पूर्णिमा भाव वीथिका' के बाद बाल वाटिका पाठ को के बीच है। माना जाता है कि बच्चों के मनोभावों को पढ़ना इतना आसान नहीं होता अपेक्षाकृत बड़ों के।बतौर रचनाकार मेरा मानना है कि बढ़ो के लिए लिखना उतना कठिन नहीं जितना जी बच्चों के लिए शायद इसीलिए बच्चों के लिए बच्चों के लिए रचनाकारों की संख्या काफी कम है।      अपने पौत्री अन्वेशा (उर्वी) को भेंट करते हो डा. पूर्णा