अदाकारा - 64

*अदाकारा 64      हरीश बेहराम को उस कस्टडी में ले आया जहाँ सुनील को रखा हुआ था।कस्टडी का दरवाज़ा खोलते हुए हरीशने कहा।   "इंस्पेक्टर साहबने तुम्हें पाँच मिनट दिए हैं तुम ईनसे पांच मिनट बात कर सकते हो।"   "सुनीलभाई।ये क्या हो गया?"   पुलिस कस्टडी में घुसते हुए बेहरामने धीरे से सुनील का हाथ अपने हाथों में लिया और हमदर्दी भरे स्वर मे सुनील से पूछा।   "मैं बेगुनाह हूँ बेहराम भाई।मैंने शर्मिला को नहीं मारा।"   सुनील ने अपने बचाव में कहा।      लेकिन सुनील की बातें अनसुनी करते हुए बेहरामने अपना चेहरा हथेलियों में