फाइनल और लास्ट पार्ट आ चुका है। समय ऐसे ही गुजरता गया।दिन हँसी में बदल गए,रातें बातें करने में,और कैमरे के फ़्रेमों में अब सिर्फ रेशमा ही बस गई थी।प्रेम के स्टूडियो की दीवार पर एक खास फोटो थी —रेशमा की वो तस्वीर जो उसने पहली बार क्लिक की थी,जब वो बालकनी में खड़ी थी।वो फोटो उसके लिए लकी बन चुकी थी।हर नए प्रोजेक्ट से पहले वो उसे देखता और मुस्कुराता।रेशमा भी अब उसके जीवन का हिस्सा बन चुकी थी।वो दोनों एक-दूसरे से कुछ भी नहीं छिपाते थे।पर ज़िंदगी हमेशा आसान नहीं होती —कभी-कभी सबसे खूबसूरत तस्वीरों में भीएक छोटी