लैंस के पार एक तस्वीर प्यार की - 3 (अंतिम पार्ट )

फाइनल और लास्ट पार्ट आ चुका है। समय ऐसे ही गुजरता गया।‎दिन हँसी में बदल गए,‎रातें बातें करने में,‎और कैमरे के फ़्रेमों में अब सिर्फ रेशमा ही बस गई थी।‎‎प्रेम के स्टूडियो की दीवार पर एक खास फोटो थी —‎रेशमा की वो तस्वीर जो उसने पहली बार क्लिक की थी,‎जब वो बालकनी में खड़ी थी।‎वो फोटो उसके लिए लकी बन चुकी थी।‎हर नए प्रोजेक्ट से पहले वो उसे देखता और मुस्कुराता।‎‎रेशमा भी अब उसके जीवन का हिस्सा बन चुकी थी।‎वो दोनों एक-दूसरे से कुछ भी नहीं छिपाते थे।‎पर ज़िंदगी हमेशा आसान नहीं होती —‎कभी-कभी सबसे खूबसूरत तस्वीरों में भी‎एक छोटी