‎लैंस के पार एक तस्वीर प्यार की - 1

‎लैंस के पार एक तस्वीर प्यार की ‎‎Part 1:‎‎सागर शहर की सुबह हमेशा की तरह सुनहरी थी।‎सूरज की पहली किरणें जब प्रेम के कमरे की खिड़की से अंदर आतीं,‎तो उनकी चमक कैमरे के लेंस पर पड़ती —‎जैसे कोई तस्वीर खुद ज़िंदगी को कैद कर रही हो।‎‎प्रेम, जो शहर का एक जाना-पहचाना फोटोग्राफर था,‎हर सुबह अपने कैमरे को ऐसे साफ करता मानो वो उसका सबसे प्यारा साथी हो।‎उसकी ज़िंदगी का असली प्यार उसका कैमरा था —‎पर उसे क्या पता था कि आज से उसकी ज़िंदगी में एक और प्यार दस्तक देने वाला है।‎‎प्रेम का खुद का छोटा-सा फोटोग्राफी बिज़नेस था —‎