खूबसूरत टकराव - 6

️ सुबह की ठंडी हवाशाह हवेली की सुबह अब भी वैसी ही सुनहरी थी, लेकिन नैना के दिल में एक अजीब-सी बेचैनी थी। सूरज की किरणें खिड़कियों से छनकर कमरे में आ रही थीं, और रसोई से इलायची वाली चाय की खुशबू तैर रही थी। नैना ने कबीर के लिए नाश्ता तैयार किया—आलू के पराठे, दही, और आम का अचार। कबीर, ऑफिस के लिए तैयार होकर, बालकनी में खड़ा था, अपनी कॉफी की चुस्की लेते हुए।“नैना, तुम्हारी चाय की खुशबू से तो दिन की शुरुआत ही अलग हो जाती है,” कबीर ने मुस्कुराते हुए कहा।नैना ने हल्की मुस्कान दी, लेकिन