यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (16)

                    : : प्रकरण : : 16        उन दिनों उन के सब से छोटे भाई की शादी होने वाली थी. हमे सह परिवार शादी में आमंत्रित किया गया था         उस वक़्त एक बात बाहर आई थी. विजय कुमार की बीवी को मैं पहचानता था. हम दोनों साथ में खेले थे. हमारे बाजु के घर में उस की नानी मा का घर था. वह अक्सर आती थी. इस वजह से हमारे बीच दोस्ती हो गई थी.      ओफिस में ज्यादातर लड़कियो को काम दिया जाता