: : प्रकरण : 15 हसमुख ज़ब चाहे तब मेरे ससुराल में जा सकता था. लेकिन मैं नहीं जा सकता था. मैं एक दामाद था. यह बात भूल गया था. और सुहानी के प्रति लगाव होने से मैं ज़ब चाहूं तब उन के घर चला जाता था. उस बात पर ललिता पवार ने मुझे ताना मारा था. और मैंने ससुराल जाना बंद किया था. और सुहानी को गुजारिश की थी. " रोज रात को मैं बाहर चाली में बैठूंगा.. तुम आकर मुझ से बात