: : प्रकरण : : 5 भरुच से वापस मैं नोर्मल महसूस कर रहा था. छुट्टिया भी खतम हो गई थी. और एस एस सी का पहला सत्र शुरू हो गया था. मैं पढ़ाई में दयान देने की कोशिश करता था. अनन्या की बातें कदम कदम पर मुझे याद आती थी. मेरे पिताजी ने मुझे कुछ सिखाया नहीं था. जो कुछ सिखा था. वह अनन्या से सीखा था. यह बात मैंने उसे बताई थी. " तुम्ही मेरी शिक्षिका हो. तुम