*अदाकारा 62* शर्मिलाने अपने दिमाग पर ज़ोर लगा कर याद करने की कोशिश की ऐसा कौन हो सकता है जो मुझसे इतनी नफ़रत करने लगा। और मुझे जान से मारने को तैयार हो गया? तभी एक नाम उसके मस्तिक मे उजागर हुआ और उसका शक अब यकीनमे तब्दील हो गया कि मैंने इसी आदमी को सबसे ज़्यादा परेशान किया है।और यही वो हो सकता है जो मुझे मरवा या मार सकता है। लेकिन अब मैं क्या करूँ?वो चिंता में डूबी जा रही थी।डर के कारण सहमी जा रही थी ये जाल खुद उसने बुना था।और अब