पुल का बनने के बाद सामूहिक ध्यान, बड़े संवाद, और नई पीढ़ी के लिए ‘आत्म-संवाद’ का सत्र रखा गया, जहाँ प्रेम, विज्ञान, और आत्मा तीनों तत्वों के महत्त्व को सबने समझा। हर युवा ने दीप जलाए, नयी कविता लिखी, और वचन दिया—“हम प्रेम, स्वप्न और आत्मा से जुड़े रहेंगे।हर संघर्ष में आशा और हर दूरी में संगीत बनाएंगे।”अनंतता की ओरएक रात सब घाटी के किनारे बैठ गये—झील में प्रतिबिंब बनाते दीपक, आसमान में फैलता गुलाबी रंग, और संतुलित विज्ञान-भावना की ऊर्जा। आशना ने घोषणा की:“अब यह छुपा हुआ इश्क़ सबका है।यह अनुभव, यह आत्मा, यह प्रेम—हर पीढ़ी, हर युग में