--- एपिसोड 55 — “नदी किनारे अधूरी रात”रात अपने काले आँचल को और गहरा करती जा रही थी।नदी का पानी अजीब तरह से शांत था—मानो भीतर कोई तूफ़ान पल रहा हो,जो सिर्फ आर्या के कदम रखते ही जागेगा।आर्या और आर्यन जंगल के रास्ते से होते हुए नदी किनारे पहुँचे।हवा में नमी थी…और एक अजीब सा कंपन—जैसे कोई अदृश्य चेतावनी।आर्यन ने एक बार फिर उसका हाथ पकड़ा।“आर्या… अगर यहाँ कुछ भी असामान्य लगे,तुम तुरंत पलट कर चली जाना।समझी?”आर्या ने हल्की मुस्कान दी,पर उसकी आँखों में हिम्मत से ज्यादा डर था।“अगर जाने का ही मन होता…तो मैं किताब का पन्ना खोलने नहीं