अधुरी खिताब - 53

--- एपिसोड 53 — “अंधेरी आर्या की शर्त और रूह की स्याही का सौदा”(सीरीज़: अधूरी किताब)---️ 1. हवेली शांत हुई… पर खामोशी तूफ़ान से पहले की थीअंधेरी आर्या के गायब होते ही हवेली में पसरी दहशत ढीली पड़ी—लेकिन हवा में अभी भी बर्फ़ जैसा सन्नाटा था।फर्श के टूटे हिस्से धीरे-धीरे खुद-ब-खुद फिर जुड़ने लगे,दीवारों की दरारें भरने लगीं,और पुराने झूमर फिर से झिलमिलाने लगे।रूहानी ने राहत की साँस ली—“लग रहा था जैसे हम सब खत्म हो जाते…”राज मल्होत्रा ने फिर भी डायरी को ज़ोर से पकड़ा हुआ था।“नहीं… कहानी यहीं शांत नहीं होगी।अंधेरी आर्या सिर्फ पीछे हटी है… हारी नहीं।”शौर्य