अर्जुन ने अपने मन को कस लिया। उसके दिल की धड़कन तेज़ थी, लेकिन आँखों में डर की कोई झलक नहीं थी। उसने कहा—“अब हमें चुप नहीं बैठना। यह केवल मुकाबला नहीं, यह दिमाग और भावना की लड़ाई है। हमें उनके नियमों को पीछे छोड़ना होगा।”विराज ने कंप्यूटर पर तेजी से जानकारी जुटाई। “अर्जुन, यह लोग केवल हमारी बातचीत नहीं सुन रहे, वे हमारी भावनाओं, हमारे डर और हमारी उम्मीदों को भी पढ़ रहे हैं। यह केवल हमला नहीं, यह दिमाग और आत्मा की लड़ाई है।”अनाया ने कदम बढ़ाया और दृढ़ स्वर में कहा—“मैं उनकी चाल महसूस कर सकती हूँ।