पुस्तक समीक्षा इक तेरे भरोसे पे (काव्य संग्रह) समीक्षक = सुधीर श्रीवास्तव गोण्डा (उ.प्र.) सरल, सहज, मृदुभाषी, बहुमुखी व्यक्तित्व की धनी कवयित्री मीनाक्षी सिंह की 'इक तेरे भरोसे पे' के रूप में तीसरा संग्रह है। इसके पूर्व आपका 'बातें जो कही नहीं गई' और 'निर्मल उड़ान' ने उनकी साहित्यिक पहचान को काफी हद तक स्थापित कर दिया है। ऐसे में प्रस्तुत संग्रह के प्रकाशन के बाद उनकी रचनाओं पर चर्चा परिचर्चा होना स्वाभाविक ही है। हालांकि मैं उनकी प्रथम पुस्तक की समीक्षा करते हुए जो महसूस किया था, वह काफी हद तक