काला जादू वाला दुकानदार

शहर के बाहरी इलाके में एक पुरानी, जर्जर सी दुकान थी — “पुरानी चीज़ों का खज़ाना”। लोग कहते थे कि वहाँ जो भी गया, वह बदलकर लौटा… या कभी लौटा ही नहीं। लेकिन कोई भी खुलकर कुछ नहीं कहता था। बस अफवाहें थीं, रहस्य था, और डर था।कहानी शुरू होती है राहुल से — बीस साल का एक कॉलेज छात्र। राहुल को अजीब और रहस्यमयी चीज़ें इकट्ठा करने का शौक था। एक दिन उसने सुना कि उस दुकान में पुराने ज़माने की जादुई चीज़ें मिलती हैं। जिज्ञासा ने उसे वहां तक पहुँचा दिया।दुकान अंदर से बहुत अंधेरी थी। दीवारों पर