वरदान

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बहुत समय पहले एक राजा हुआ करते थे। राजा अत्यंत धर्मपरायण और न्यायप्रिय थे। उनके राज्य में प्रजा सुखी और समृद्ध थी। राजा अपनी प्रजा को अपनी संतान की तरह स्नेह करते थे। उनके न्याय और धार्मिक स्वभाव की दूर-दूर तक प्रशंसा होती थी, और लोग उन्हें सच्चे रक्षक व मार्गदर्शक मानते थे।""राजा की दो पत्नियाँ थीं, और दोनों ही अत्यंत गुणी व सुन्दर थीं।""राजा सदा दान–धर्म में लगे रहते थे। वे भूखों को भोजन कराते, निर्धनों को धन और वस्त्र देते, और अनाथों को सहारा बनते। उनकी उदारता की छवि इतनी विशाल थी कि लोग उन्ह