एपिसोड 55 — “उस रूह की धड़कन, जो मेरे नाम से बंधी थी”(सीरीज़: मेरे इश्क़ में शामिल रुमानियत है)--- 1. हवेली की सांस… और नेहा का नामनेहा स्तब्ध खड़ी थी।वह बूढ़ी महिला—जिसकी आँखों में सदियों की थकान और सदियों का ज्ञान था—अभी-अभी कहकर गई थी कि…“तुम्हारा पहला प्यार एक रूह था।”नेहा के पैरों में कंपन था।दिल अजीब-सी धड़कन में डूब रहा था।हवेली की दीवारें—हल्की सी हिल रही थीं।जैसे कोई उनकी बात सुन रहा हो।प्रखर ने उसके कंधों पर हाथ रखा।“नेहा… मैं हूँ।डर मत।हम दोनों साथ हैं।”नेहा ने धीरे से सिर उठाया।उसकी आँखें गहरी और शून्य थीं—“प्रखर…अगर मेरा पहला प्यार