अधुरी खिताब - 52

एपिसोड 52 — “हवेली का प्रेत और रक्षक रूह का जागना”(सीरीज़: अधूरी किताब)️ 1. हवा फटी — और हमला शुरू हुआकाली रूह ने जैसे ही चीखकर अपना रूप फैलाया,हवेली की नीली रेखाएँ काली पड़ने लगीं।छत काँपी, पुरानी खिड़कियाँ खुद-ब-खुद बंद हो गईं,और कमरे के बीचों-बीच हवा का भंवर उठ गया।अलीशा ने कुछ समझने से पहले—एक तेज़ काला धक्का उसकी ओर बढ़ा।लेकिन शौर्य बिजली की तरह उसके आगे आ खड़ा हुआ।उसके हाथ पर सुनहरी रोशनी जली—और उसने अलीशा को अपनी बाहों में ढाल लिया।“पीछे हट जाओ, अलीशा!”उसकी आवाज़ इंसान की नहीं थी—वह एक रक्षक रूह की गूँज थी।काली रूह फुफकारकर