अधुरी खिताब - 51

एपिसोड 51 — “जब पिछले जन्म की गूँज ज़िंदा लौट आई”हवेली में अँधेरा ऐसा छाया था जैसे रात ने खुद अपनी साँसें रोक ली हों।नीली और सुनहरी रोशनी जो कुछ देर पहले हवेली को चमका रही थी—अब पूरी तरह गायब थी।सिर्फ एक चीज़ बाकी थी—वह काली रूह, जो हवा में तैरते हुए अलीशा को घूर रही थी।शौर्य ने अलीशा को अपनी बाहों में कसकर खींच लिया,उसकी आवाज़ में खतरनाक गरज थी—“एक कदम भी पीछे मत लेना।तुम्हें कुछ हुआ तो… मैं इस पूरी हवेली को जला दूँगा।”लेकिन काली रूह हँस पड़ी।उसकी हँसी में दर्द, घृणा और बदला तीनों घुला था।“शौर्य