एपिसोड 50 — “जब रूह ने नाम पुकारा… और समय रुक गया”दरभंगा की हवेली की रात, नीली और सुनहरी रोशनी से भरी, अब एक नए रहस्य को जन्म देने वाली थी।हवेली की दीवारों पर बने पुरानी रूहों के निशान जैसे अचानक जागने लगे थे—मानो उन्हें पता हो कि आज… कोई सच बाहर आने वाला है। 1. अलीशा की धड़कनें और हवेली की फुसफुसाहटअलीशा आँगन में खड़ी थी।नीली हवा उसके चेहरे को छूते हुए जैसे कोई संदेश दे रही थी।“तुम अकेली नहीं हो… तुम्हें याद किया गया है…”एक धीमी, गहरी आवाज़ उसके कानों में उतरती है।अलीशा एक पल के लिए