गोस्वामी तुलसीदास – श्रीरामचरितमानस और हनुमान चालीसा के अमर रचयिता

जय श्री राम यह ब्रह्मांड हमारी कल्पना से भी अधिक विशाल और रहस्यमय है। जहां असंख्य तारे, ग्रह, नक्षत्र, आकाशगंगाएँ विद्यमान है। इन्हीं में से एक हमारी पावन पृथ्वी धरती है, जहाँ अनेक देश और विविध संस्कृतियाँ हैं। उसी में हमारा प्यारा भारतवर्ष है। और यही वह पुण्यभूमि है जहाँ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जी ने अधर्म के विनाश और धर्म की स्थापना हेतु अवतार लिया था। उनके आदर्श, चरित्र और भक्ति-भावना ने न केवल भारतभूमि को, अपितु संपूर्ण विश्व को आलोकित किया। विश्व के कोने-कोने में श्री रामजी के अनगिनत भक्त हैं, और युगों-युगों से अनेकों कवियों, संतों, मुनियों और विद्वानों