वो कमरा नंबर 203

1. पहली रातदिल्ली की ठंडी सर्दियों वाली रात थी।सड़कें कोहरे में लिपटी थीं और हवा में अदृश्य सी नमी थी।नेहा ने बस से उतरकर अपने कोट का कॉलर ठीक किया और ठंडी साँस छोड़ी।शहर में उसकी पहली सुबह एक इंटरव्यू की थी, लेकिन रात कहीं रुकना ज़रूरी था।रिसेप्शन पर पुराना लकड़ी का बोर्ड झूल रहा था —Hotel Sapphire Residency.नीचे लिखा था — "Since 1978."अंदर जाते ही उसे सीलन और पुरानी परफ्यूम की मिली-जुली गंध ने घेर लिया।रिसेप्शनिस्ट — लगभग पचास के आसपास का आदमी — बिना मुस्कुराए बोला,“सिंगल रूम चाहिए, मैडम?”नेहा ने सिर हिलाया।“कमरा 203 खाली है,” उसने चाबी थमाते