अनोखी यात्रा

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अनोखी यात्रा **लेखक: विजय शर्मा एरी**---सुबह की पहली किरण जब गौरव की खिड़की से होकर उसके कमरे में दाखिल हुई, तो वह पहले ही जाग चुका था। आज का दिन उसके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दिन था। आज वह उस यात्रा पर निकलने वाला था, जिसे हर कोई नामुमकिन बताता था।गौरव एक साधारण परिवार से था। पिता एक छोटी सी दुकान चलाते थे और माँ गृहिणी थी। लेकिन गौरव के सपने साधारण नहीं थे। वह हिमालय की सबसे खतरनाक चोटी 'कालरात्रि' पर चढ़ना चाहता था - वह चोटी जिस पर अब तक केवल तीन लोग ही चढ़ पाए थे, और दो