Veer Zara“मैं मर भी जाऊँ तो लोग कहेंगे कि एक हिंदुस्तानी ने पाकिस्तान से इतनी मोहब्बत की कि वह वहीं दफ़न हो गया।” वीर-ज़ारा — मोहब्बत की सरहदों से परे एक दास्तान“वीर-ज़ारा” सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं है, बल्कि दो देशों के बीच इंसानियत और मोहब्बत की ऐसी पुकार है जो सरहदों से भी आगे जाती है।इस कहानी में हर किरदार एक प्रतीक है — किसी भावना, किसी मूल्य या किसी सोच का।---️ वीर प्रताप सिंह — त्याग का प्रतीकवीर (शाहरुख़ ख़ान) का नाम ही बताता है — “वीर”, यानी साहसी, निडर, जो अपने दिल की सुनता है लेकिन अपने