"कुछ कहानियाँ कभी लिखी नहीं जातीं… वे बस जी जाती हैं — दो लोगों के बीच, हमेशा के लिए अधूरी।"---अध्याय 1 : वापसी आनाआज बहुत दिनों बाद मैं फिर से वापिस आ रही हूँ।सड़कें वही हैं, हवाओं में वही खुशबू है।लेकिन इस बार मेरे अंदर कुछ बदला है।मेरे हाथ में वही पुराना बैग है जो मैंने उसे दिया था जब उसने हँसते हुए कहा था —“तू चली जा न माया, कोई फर्क नहीं पड़ता।”लाख बार मन को कहा, भूल जा सब कुछ…पर “नैना”… मेरे पापा का पुराना घर सामने दिखता है तो सांसें जैसे रुक सी जाती हैं।“नैना, पापा ने