अंश, कार्तिक, आर्यन - 7

वो चुंबन जिसे कार्तिक झेलने को मजबूर थाकुछ बातें ऐसी होती हैं जिन्हें हम चुनते नहीं…कुछ रास्ते ऐसे होते हैं जिन पर हम ज़िद से नहीं,बल्कि ज़रूरत से चलते हैं।और कुछ कदम ऐसे होते हैंजिन्हें हम हज़ार बार रोकना चाहते हैं…फिर भी उठाने पड़ते हैं।कार्तिक की ज़िंदगी इस वक़्तइन्हीं तीनों का मिला-जुला तूफ़ान थी।वह आर्यन के साथ खड़ा था —हाथ साइड में, आँखें स्थिर,चेहरा उतना ही शांत जितना किसी अभिनय का चेहरा होता है…पर भीतर?भीतर एक पूरा तूफ़ान धधक रहा था।उसे खुद से नफ़रत थी कि उसेयही सब करना पड़ रहा है —उस आदमी के साथ खड़ा होना,जिसकी वजह से