एपिसोड 52 — “अधूरी रूह की पहली रात”(कहानी: मेरे इश्क़ में शामिल रुमानियत है)--- 1. हवेली में अनया की पहली रात — जहाँ नींद भी डर कर भाग जाएदरभंगा की हवेली की हवा कुछ अलग थी।दीवारें धीमे-धीमे साँस ले रही थीं—जैसे वे भी किसी अधूरी नींद से जागी हों।अनया को कमरे तक लाते हुएआर्या ने उसका हाथ मजबूती से थाम रखा था।अर्जुन पीछे-पीछे चल रहा था,उसकी नज़र हर कोने पर थी—मानो कहीं से काली स्याही का कोई कतरा फिर न उभर आए।अनया को जो कमरा दिया गया,वह हवेली का सबसे शांत कमरा था—पर आज उसकी खिड़कियों परनीली रोशनी का