कोरोना महामारी के दौर पर आधारित लघु उपन्यास यशस्विनी: अध्याय 26 आखिर कोरोना के काले साए ने यशस्विनी को भी अपनी चपेट में ले लिया। पिछले लगभग डेढ़ महीने से यशस्विनी लगातार कोविड वार्डों और क्षेत्रों के दौरे पर रहती थी और कई बार जाने-अनजाने संक्रमित लोगों के नजदीक से भी गुजरती। इसके अलावा दिनभर की भागदौड़ और थकान के कारण उसके शरीर पर भी विपरीत असर पड़ा होगा।आज दोपहर जब एंटीजन टेस्ट किया गया तो उसका परिणाम पॉजिटिव निकला।उसे स्वादहीनता और गंधहीनता जैसे लक्षण भी नहीं थे।हल्की खांसी, जुकाम और बुखार जैसे अन्य लक्षण