मेरे इश्क में शामिल रूहानियत है - 50

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--- एपिसोड 50 — “काले लेखक का श्राप”(कहानी: मेरे इश्क़ में शामिल रुमानियत है)--- 1. आग की रात में छिपा असली दुश्मन1856 की वो रात आर्या और अर्जुन के सामने जैसे जिंदा खड़ी थी।हवेली आग की लपटों में डूबी थी, और ठीक उसी पल—काली धुंध से एक आकृति पैदा हुई।वो इंसान नहीं थी।न पूरी रूह…न पूरी मौत।एक काला चेहरा, जिसके ऊपर गहरी स्याही टपक रही थी।उसके हाथ में टूटी हुई एक पुरानी कलम थी—कलम जिसे देखकर कल का “काला लेखक” सच हो गया।आर्या ने उसकी आँखों में झाँका—वो आँखें…खाली थीं।जैसे सदियों से मौत लिखते-लिखतेजीने का मतलब भूल चुकी हों।काला लेखक