अधुरी खिताब - 46

  • 513
  • 1
  • 129

--- एपिसोड 45 — “जब कलम ने वक़्त को लिखना शुरू किया”(सीरीज़: अधूरी किताब)---1. समय की परत — जब हवा रुक गईदिल्ली की रात हमेशा की तरह थी,पर उस रात हवा में एक ठहराव था —ऐसा जैसे घड़ी की सुइयाँ चुपचाप किसी अनदेखी दीवार से टकरा गई हों।नेहा अपनी खिड़की पर बैठी थी।टेबल पर “रूह की कलम” चमक रही थी,और उसके चारों ओर नीली लहरें ऐसे घूम रही थींजैसे वो किसी नए अध्याय का द्वार खोल रही हों।अचानक, कमरे की घड़ी रुक गई।टिक-टिक का आख़िरी टिक कमरे में गूँजता रह गया।नेहा ने काँपती आवाज़ में पूछा —“आज… तू क्या लिखने