हम जो थे, अब नहीं हैं

(एक चुप्पी में बिखरी मोहब्बत की कहानी)कभी-कभी कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जो खत्म तो हो जाते हैं,लेकिन उनका असर हमारी सांसों में बरसों तक बाकी रहता है।वेदांत और सिया की कहानी भी कुछ ऐसी ही थी।---शुरुआतउनकी शादी अरेंज थी, पर पहले दिन से ही उनके बीच एक अजीब-सी सहजता थी।सिया को उसकी मुस्कान पसंद थी — और वेदांत को सिया की शांत आँखें।धीरे-धीरे वो दो अजनबी, दो दोस्तों में बदल गए।फिर दोस्ती ने प्यार का रूप लिया,और दोनों को लगा — बस, अब सब ठीक रहेगा।पर शादी के बाद जो “हम” था,वो धीरे-धीरे “मैं” और “तुम” में बिखरने लगा।वेदांत