मेरे इश्क में शामिल रूहानियत है - 48

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एपिसोड 48 — “हवेली का नया जन्म”(कहानी: मेरे इश्क़ में शामिल रुमानियत है)--- 1. हवेली की साँसेंसुबह की धूप दरभंगा की हवेली की टूटी खिड़कियों से भीतर उतर रही थी।धूप का रंग अब सामान्य नहीं था — उसमें नीली चमक मिली थी।दीवारें जो सालों से खामोश थीं, अब उनमें जीवन की लहरें दौड़ रही थीं।आर्या धीरे-धीरे आँगन में आई।पानी के बीच झिलमिलाती उस रोशनी में उसने देखा —मिट्टी से हल्की भाप उठ रही थी, जैसे कोई अदृश्य रूह सांस ले रही हो।अर्जुन पीछे से आया और बोला —“क्या तुम महसूस कर रही हो?”आर्या ने आँखें मूँदीं,“हाँ… हवेली अब सिर्फ़