छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 14

छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 14शीर्षक: प्रेम का बीज(जब आत्मा ब्रह्मांड की मिट्टी में नई कहानी बोती है)1. समय की रेत में वापसीहवा में हल्की ठंडक थी। कैलाशपुर की घाटी फिर एक बार नए मौसम की दहलीज़ पर थी।नीली झील अब भी चमक रही थी, पर उसके जल में कोई प्रतिछाया नहीं थी। वह जैसे किसी और संसार का द्वार बन चुकी थी।आरुषि और आरव अब धरती पर लौट आए थे, पर उनके भीतर का समय बदल चुका था।उनकी आँखों में युगों का अनुभव बस गया था—सिर्फ़ देखना नहीं, बल्कि महसूस कर लेना अब उनका स्वभाव बन गया था।आरुषि ने