वो लड़की नहीं, ज़िंदगी है मेरीकभी-कभी ज़िंदगी में कोई ऐसा मिल जाता है, जो हमें खुद से ज़्यादा समझता है… जो बिना कुछ कहे हमारे दिल की हर बात जान लेता है।आरव के लिए “वो लड़की” ऐसी ही थी — अनाया। मुलाक़ातकॉलेज का पहला दिन था। भीड़ में सब अपने-अपने दोस्तों को ढूंढ रहे थे, और आरव बस खामोश खड़ा था, अपनी पुरानी यादों के बीच खोया हुआ। तभी एक आवाज़ आई —“Excuse me… ये सीट खाली है?”आरव ने सिर उठाया, और जैसे वक्त वहीं थम गया। हल्की गुलाबी ड्रेस, खुले बाल, आंखों में मासूमियत और मुस्कान… वही पल