मेरा नाम इकबाल है और कहानी दरअसल यूं है कि मेरे अब्बू के पांच भाई हैं जिनमें से दो बड़े अच्छे और नेक नियत बंदे हैं। बाकी तीन हसद करने वाले हैं जो मेरे बड़े चाचा हैं। वो बचपन से ही मेरे अब्बू के दुश्मन थे। वो इसलिए कि मेरे अब्बू के दादा मेरे अब्बू से दीवाना वार मोहब्बत करते थे। इन्हें अपने सीने पर सुलाते थे। जिस वजह से मेरे चाचा से यह मोहब्बत बर्दाश्त नहीं होती थी। ऐसे ही सब चलता रहा। मेरे चाचा और वो अब्बू बड़े होते गए। जवानी में दाखिल हुए तो हमारी कास बलोच