AI का साथ **लेखक: विजय शर्मा एरी**---रोहन की उंगलियां कीबोर्ड पर तेज़ी से थिरक रही थीं। स्क्रीन पर चमकते शब्द उसके दिमाग से नहीं, बल्कि एक AI चैटबॉट से आ रहे थे। "बस पांच मिनट में असाइनमेंट तैयार," वह मुस्कुराया। उसके कमरे की खिड़की से बाहर मुंबई की भीड़-भाड़ वाली सड़कें दिख रही थीं, जहां हर कोई अपनी ज़िंदगी की रेस में भागा जा रहा था।"रोहन! खाना तैयार है," मां की आवाज़ आई।"बस आया मम्मी, एक मिनट," उसने जवाब दिया, आंखें स्क्रीन से हटाए बिना।रोहन कॉलेज का तीसरे साल का छात्र था। कंप्यूटर साइंस में पढ़ाई कर रहा था। जब से