अब आगे...आरव का स्कूल ...आरव बहुत खुश था क्योंकि आज सबको मॉम की तरह उसकी भी मॉम आई हुई थी वरना उसके डैड ही आते थे और थोड़ी देर में चले जाते थे। ये सब राघव इसलिए करता था क्योंकि वो नहीं चाहता था कि आरव को किसी की कमी हो और उसे ऐसा लगे कि उसके लिए उसे डैड ही ठीक है लेकिन वो तो बच्चा था उसे ये सब कहां से समझ आता था उसे तो यही दिखता था कि बाकी बच्चों के मॉम रुक कर बाते कर रहे है और उसके डैड जा चुके है ।उस वक्त