वनदेवी की जय हो...लड़खड़ाते हुए अदिति अमोघनाथ जी के पास पहुंचती है..." उस बेताल को कैसे मार सकते हैं...."अब आगे...….......अदिति को देखकर अमोघनाथ जी कहते हैं....." अदिति मार सकते हैं लेकिन तुम्हें अभी आराम की जरूरत है , इस समय तुम बहुत कमजोर हो...."अदिति जोश भरे शब्दों में कहती हैं....." मैं इंजर्ड बेशक हूं लेकिन कमजोर नहीं हूं .... मैं अपने भाई को बचाकर ही रहूंगी...." अमोघनाथ जी उसके हौसले को देखकर कहते हैं...." ठीक है अदिति , मैं तुम्हें उसे मारने के बारे में बताता हूं....आओ मेरे पीछे.. ."अमोघनाथ जी उसे एक माता काली के नीचे रखें छोटे से बक्से