The Risky Love - 30

नागदेव सेनापति की बात सुनकर बहुत गुस्से में कहते हैं.....अब आगे..............नागदेव गुस्से में कहते हैं....." तुम किसी भी मनुष्य के कहने पर उसे यहां हमारे पास ले आओगे , तुम ये कैसे भूल सकते हो ये कोई साधारण मंदिर नहीं है जो किसी भी मनुष्य को यहां लाया जाए..."विवेक नागदेव की बात को सुनकर उनके पास जाकर अपनी बंद मुट्ठी को नागदेव की तरफ करते हुए कहता है....." आप शांत हो जाइए , पहले इस रूद्राक्ष को ले लिजिए...."नागदेव विवेक के हाथ में नागरूद्राक्ष को देखकर हैरानी से उसकी तरफ देखते हुए कहते हैं....." तुम्हें ये कहां से मिला...?....और मायानगरी