कुछ दिनों बाद...एक सुबह जैसे ही प्रियु ने बरांडे का गेट खोला।उसे चू चू की आवाज सुनाई दी, सुनते ही वह दौड़कर अंदर गई और मां और भाई को बुला कर ले आई।और खुशी से झूम कर बोली सुनो मां --चिडिया के बच्चो की आवाज ।आवाज सुनकर भावना भी बहुत खुश हुई और आशु से बोली- जाओ टेबल उठा कर ले आओ अपन देखेंगे चिड़िया के बच्चों को। आशु तुरंत ही अंदर से टेबल उठा लाया।सामने डाल पर बैठी चिड़िया सब देख रही थी और जैसे ही आशु टेबल पर चढ़ा बच्चों को देखने के लिए,,सामने डाल पर बैठी चिड़िया तुरंत