शाम को रिसेप्शन के दिन:किरण अपने कमरे में तैयार हो रही होती है, तभी सुहाना जी उसके कमरे में आते है और बोलते है कि;सुहाना जी - मेरी बेटी कितनी प्यारी लग रही है, किसी की नजर न लगे तुम्हे! और उसे अपनी आंखों से थोड़ा सा काजल निकालकर लगा देती है।किरण - आपकी बेटी की खुशियों को विपिन के होते हुए कभी नजर नही लगेगी मम्मी! तभी किरण को विपिन का कॉल आ जाता है तो वो उठाती है।किरण - अभी मैं तुम्हे ही याद कर रही थी जान! फिर वो अपनी मम्मी की तरफ देखकर मुस्कुराती है। विपिन - मेरे