यशस्विनी - 25

कोरोनामहामारी के दौर पर आधारित लघु उपन्यास यशस्विनी अध्याय :25             सरकार ने लॉकडाउन में छूट की अवधि शाम 4:00 बजे तक बढ़ा दी है। यशस्विनी, रोहित और अन्य स्वयंसेवकदिनभर के राहत अभियान के बाद अभी आधा घंटा पहले ही अपने-अपने घरों को लौटे हैं और अपराह्नको 3:30 बज रहे हैं….. कॉल बेल बजने पर यशस्विनी ने दरवाजा खोला। वह आश्चर्य से मुस्कुराउठी। वहां पिंटू खड़ा था और उसके हाथ में एक पैकेट था। उसने कहा, " दीदी यह रहाआपके द्वारा खरीदे गए 100 मास्कों का पैकेट….. मुझे माफ कर दो दीदी! आपको इन मास्कोंकी सप्लाई अगले दिन नहीं कर