एपिसोड 42 — “रूह की कलम” (सीरीज़: अधूरी किताब) (शब्द संख्या: लगभग 1500) --- 1. नीली स्याही का जागना रात का तीसरा पहर था। दरभंगा की हवेली के भीतर अब भी वो नीली चमक मौजूद थी — जैसे स्याही ने खुद को सांस दी हो। टेबल पर रखी “The Eternal Writer” धीरे-धीरे खुली, और उसके बीच से एक कलम बाहर निकली — पतली, पारदर्शी, और नीली रौशनी में चमकती हुई। वो हवा में तैर रही थी, जैसे किसी अदृश्य हाथ ने उसे थाम रखा हो। > “वक़्त आ गया है…” दीवार से एक