अधुरी खिताब - 41

एपिसोड 41 — “The Eternal Reader”(सीरीज़: अधूरी किताब)---1. हवेली की साँसेंदरभंगा की हवेली अब सिर्फ हवेली नहीं रही थी —वो एक जीवित पुस्तक बन चुकी थी।हर दीवार पर स्याही के निशान ऐसे फैले थेजैसे किसी अदृश्य हाथ ने उन्हें लिखा हो।आँगन के बीच The Eternal Reader खुली पड़ी थी —उसके पन्ने खुद-ब-खुद पलटते रहे,और हर पन्ने से किसी के कदमों की आहट आती थी।रात के बारह बजते ही हवेली की सारी मोमबत्तियाँ जल उठीं।नीली लौ में चार परछाइयाँ उभरीं —अनन्या, आर्या, आरव, और तन्वी।> “कहानी अब लेखक ढूँढ रही है…”आर्या की रूह ने फुसफुसाया।“क्योंकि हर लेखक को अंत मेंअपनी