महाकाल का मंदिर आदित्य को चेताक्क्षी की बातें समझ नहीं आ रही थी फिर भी उसके बताए अनुसार वो उस पेड़ के पीछे जाकर छिप जाता है..... आदित्य के जाने के बाद चेताक्क्षी मुड़कर कहती हैं....." मुझे पता था तुम जरूर आओगे...."अब आगे............... " हमें पता था , तुम हमारा पीछा कर रहे हो...."चेताक्क्षी ने उस तरफ देखते हुए कहा .... आदित्य उसकी नज़रों को पीछा करते हुए , उसे देखकर हैरानी से कहता है...." ये चेताक्क्षी उस चमगादड़ जो देखकर ऐसा क्यूं बोल रही है...?..."वो चमगादड़ धीरे धीरे एक बड़े आकार में बदलने लगती है , जिसे देखकर चेताक्क्षी गुस्से में