---शीर्षक: “तोते की गवाही”️ लेखक – विजय शर्मा एरी---भाग 1 – हवेली का सन्नाटाशाम के छह बज रहे थे। शहर से दूर, घने जंगल के बीच स्थित पुरानी “मेहर चंद हवेली” में सन्नाटा पसरा हुआ था।हवेली के बाहर एक बूढ़ा चौकीदार, रामलाल, लालटेन थामे पहरा दे रहा था। अंदर से अजीब आवाजें आती थीं — कभी झूमर हिलने की, कभी किसी के फुसफुसाने की।रामलाल ने तम्बाकू मुँह में डाली ही थी कि भीतर से किसी औरत की चीख सुनाई दी —“बचाओ... कोई है वहाँ... बचाओ!”वो भागकर अंदर गया। कमरे में सब कुछ बिखरा पड़ा था — फर्श पर टूटा हुआ