आख़िरी कॉफी

दिल्ली की हल्की सर्दी ने शहर को एक मुलायम धुंध से ढक रखा था। सड़क के दोनों ओर लगे गुलमोहर के पेड़ों के नीचे लोग अपने-अपने सफ़र में भाग रहे थे। लेकिन कैफ़े “Blue Mug” के एक कोने में बैठी रिया जैसे किसी और ही दुनिया में खोई थी। उसकी मेज़ पर एक अधूरी कॉफी रखी थी, जो अब ठंडी हो चुकी थी — ठीक वैसे ही जैसे उसका रिश्ता आर्यन से।रिया एक ग्राफ़िक डिज़ाइनर थी, दिल्ली की एक बड़ी विज्ञापन एजेंसी में काम करती थी। अपने काम में डूबी रहने वाली, हंसमुख, और हर किसी से अपनापन जताने वाली