कभी-कभी कुछ कहानियाँ सिर्फ़ लिखी नहीं जातीं...वो जी जाती हैं।ये कहानी है आरव नाम के ऐसे ही एक लड़के की —जिसके लिए कंप्यूटर और कोड सिर्फ़ मशीन नहीं थे,बल्कि एक अहसास, एक खेल, और एक यात्रा थे। ---एक छोटी सी गली के घर में, जब लोग रात को टीवी के सामने बैठकर सीरियल देखते थे,वहीं एक कमरे में एक किशोर लड़का डब्बानुमा कंप्यूटर की स्क्रीन के सामने बैठा रहता था —न तो गेम खेलने के लिए, न कोई फिल्म देखने के लिए...बल्कि एक अजीब सी जिज्ञासा के साथ — कुछ नया सीखने के लिए।उसका नाम था आरव।वो घर का पहला