छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 9

छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 9 प्रतिवचन(जब आत्मा प्रेम को ईश्वर समझ लेती है)1. हवा में लौटे शब्दवाराणसी का वही गंगा-तट अब शांति से झिलमिला रहा है।सूरज ढलने के बाद आसमान सुनहरी नीली परत में रंग गया है।सुरभि एक छोटी नौका में बैठी है, उसकी डायरी खुली हुई है।वह लिख रही है—“हर जीवन, हर जन्म, हर प्रेम… शायद कोई अलग कहानी नहीं, बल्कि एक ही आत्मा का हजारों बार खुद को समझने का प्रयास है।”लहरों के बीच हल्की आवाज़ आती है—“रत्नावली…”वह मुस्कराती है, “हाँ, सुना मैंने। पर अब वह नाम केवल स्मृति है।”किनारे पर अयान खड़ा था। उसके कैमरे में